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कैंसर का पूरी तरह उन्मूलन और साइड इफेक्ट्स का अभाव यही दो बातें एक्सपर्ट्स के मन में संदेह भी पैदा कर रही हैं। उनका कहना है कि यह केस स्टडी इतनी छोटी है कि इसके निष्कर्षों को जस का तस स्वीकार करना मुश्किल है। इसे ज्यादा लोगों पर और बड़े दायरे में दोहराने की जरूरत है।
उस इतिहास के बनने में आज के लोगों की कोई भूमिका नहीं है। न हिंदुओं की और न मुस्लिमों की। फिर यह बात भी है कि श्रद्धास्थल तो श्रद्धास्थल ही होते हैं, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। ऐसे में कोई कारण नहीं कि इन्हें लेकर आज हायतौबा मचाई जाए।
बिहार में जातिवार जनगणना का रास्ता साफ हो गया है लेकिन सवाल यह है कि क्या यह एक राज्य तक सीमित रहेगा। बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र में भी विधानसभा पिछले साल जातिवार जनगणना के पक्ष में प्रस्ताव पारित कर चुकी है। उधर, तमिलनाडु की सरकार भी केंद्र से जातिवार जनगणना करवाने की मांग कर चुकी है।
जम्मू-कश्मीर और खासकर घाटी के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है और एक बार फिर कश्मीरी पंडित घाटी में खुद को असुरक्षित पा रहे हैं। मंगलवार की सुबह हुई स्कूल टीचर की हत्या कर दी गई और दोनों के परिजन काफी समय से उन पर दबाव डाल रहे थे कि वे जम्मू में आकर रहें।
यूपीएससी परीक्षा में लड़कियां अव्वल आई हैं। अच्छी बात यह कि ये अब चौंकाने वाली बात नहीं रही। और सिर्फ ऊपर के तीन स्थानों की बात नहीं है। यूपीएससी परीक्षा के नतीजों में इस बार चुने गए कुल 685 प्रत्याशियों में 177 लड़कियां हैं और ऊपर के 25 स्थानों की बात करें तो उनमें भी 10 लड़कियां शामिल हैं।
पंजाबी सिंर सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े हुई हत्या ने पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। वहां नई सरकार बनने के बाद पटियाला में एक स्थानीय पार्टी के कार्यकर्ताओं और कथित खालिस्तान समर्थक तत्वों के बीच हिंसा, मोहाली में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय पर हुए रॉकेट हमले के बाद यह तीसरी बड़ी घटना है।
त्यागराज स्टेडियम मैनेजमेंट स्पोर्ट्स कॉम्पेक्स में आईएएस कपल की वजह से खिलाड़ियों को हो रही परेशानी की स्थिति को संज्ञान में लेकर इसका कोई हल ढूंढने की स्थिति में नहीं था। यह मुद्दा तब बना जब मीडिया में ये बातें आईं और केंद्र तथा राज्य सरकार का ध्यान इस ओर गया। अगर अखबार में यह खबर नहीं छपती तो शायद ऐसा ही चलता रहता।
जातिगत जनगणना को लेकर बिहार विधानसभा दो प्रस्ताव पारित कर चुकी है। जाति के आधार पर जनगणना को लेकर हमारे सहयोगी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने अपने संपादकीय में इसे अव्यावहारिक और अनावश्यक बताते हुए कहा है कि इस पर जोर देने के बजाय राजनीतिक दलों को समकालीन आर्थिक आंकड़ों के अभाव की चिंता करनी चाहिए।
मंकीपॉक्स के केस पहले भी सामने आते रहे हैं लेकिन यह पहला मौका है जब अफ्रीका से बाहर इसका प्रसार देखा जा रहा है। हो सकता है कि यह पिछले कुछ समय से यह संक्रमण फैल रहा हो जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया। अच्छी बात यह है कि अभी तक इस संक्रमण से किसी की मौत होने की खबर नहीं है।
आम लोगों को राहत देने के साथ ही सरकार लागत में बढ़ोतरी और जरूरी वस्तुओं की सप्लाई में कमी जैसी समस्याओं से जूझते विभिन्न सेक्टरों की भी मुश्किलें कम करना चाहती है। देश में रीटेल इन्फ्लेशन आठ साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा हुआ है। अप्रैल महीने में यह बढ़कर 7.8 फीसदी हो गया।
पीएलएफएस यानी पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे के नतीजों के अनुसार, साल 2017-18 से 2019-20 तक के तीन सालों में कुल कमाई में आबादी के टॉप 1 फीसदी का हिस्सा 6-7 प्रतिशत था। ज्यादा सटीकता से कहा जाए तो यह हिस्सा तीन वर्षों में 6.14 फीसदी से बढ़कर 6.82 फीसदी हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने न केवल भारत की न्याय व्यवस्था में निहित मानवीय गरिमा को रेखांकित किया है बल्कि कई अहम कानूनी जटिलताओं को भी दूर करने की कोशिश की है। ध्यान रहे, तमिलनाडु कैबिनेट ने 9 सितंबर 2018 को ही पेरारिवालन को रिहा करने की सिफारिश करते हुए राज्यपाल से अनुरोध किया था कि वह अनुच्छेद 161 के तहत इसे मंजूरी दे दें।
12 मई को देश में गेहूं का औसत थोक मूल्य 2591 रुपये प्रति क्विंटल था, जो दो दिन बाद गिरकर 2483 रुपये प्रति क्विंटल हुआ। लेकिन अगले दो दिन में फिर उठकर 2583 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया। दूसरी बात यह कि निर्यात पर रोक का फैसला किसानों के लिए भी नुकसानदेह है।
प्रधानमंत्री मोदी की नेपाल यात्रा खासी महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देशों के बीच पारंपरिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराना है। एक दूसरे के सहयोग से भारत और नेपाल की आर्थिक ग्रोथ तेज करने पर ध्यान दिया जा रहा है। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि 2019 में भारत को पीछे छोड़ते हुए चीन वहां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक बन गया था।
कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर ने इस बात पर जोर दिया है कि देश में आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया शुरू किए जाने के 30 वर्षों के बाद अब ‘पॉलिसी रीसेट’ पर विचार करने की जरूरत है।
बीजेपी त्रिपुरा में भी उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक के फॉर्म्युले से आगे बढ़ी है। बीजेपी यहां सीएम बदलकर सत्ता विरोधी लहर से पार पाना चाहती है। बीजेपी ने पिछले साल उत्तराखंड का सीएम बदला और कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सफलता भी मिल गई।
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच फिनलैंड और स्वीडन की एक घोषणा ने रूस की चिंता बढ़ा दी है। दोनों देशों ने जल्द NATO में शामिल होने की घोषणा की है। इस पर रूस भड़क गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट के दो जजों की बेंच ने मैरिटल रेप यानी पत्नी से जबरन संबंध बनाने के मुद्दे पर बुधवार को बंटा हुआ फैसला सुनाया था। दोनों जजों ने पक्षकारों को सुप्रीम कोर्ट जाने की आजादी दी। ऐसे में माना जा सकता है कि मैरिटल रेप का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में ही तय होगा।
राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। राजद्रोह के जो मामले लंबित हैं, वे भी पुनर्विचार प्रक्रिया पूरी होने तक के लिए स्थगित कर दिए गए हैं। यह भी कहा गया है कि इन मामलों में जेल में बंद आरोपी राहत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका में हिंसा का दौर जारी है। श्रीलंका की राजनीति में पिछले करीब 20 वर्षों से दबदबा बनाए रखने वाले राजपक्षे परिवार के खिलाफ लोग विरोध कर रहे हैं। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे इस्तीफा देने के बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है और वे राष्ट्रपति पद गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।
चीन उप-विदेश मंत्री ले युचेंग ने कहा कि चीन इस इलाके में गुट आधारित टकराव की स्थिति नहीं पैदा होने देगा। इसी क्रम में चीन ने रूस के साथ हुए मैत्री समझौते के शब्दों -असीमित सहयोग- को लेकर स्पष्टीकरण भी दिया। यह बयान उन्होंने 20 देशों के थिंक टैंक्स के साथ ऑनलाइन डायलॉग के दौरान दिया।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS-5) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि टोटल फर्टिलिटी रेट में कमी आई है। सरकार को युवा आबादी का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करने के लिए स्किल डिवेलपमेंट और एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन पर ध्यान देना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर पर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आ गई है। इस परिसीमन का आधार 2011 की जनगणना है इसलिए देखा जाए तो इन बदलावों के परिणामस्वरूप जम्मू क्षेत्र की 44 फीसदी आबादी 48 प्रतिशत सीटें चुनेगी जबकि कश्मीर में रहने वाले 56 फीसदी लोग 52 प्रतिशत सीटों के लिए वोट देंगे।
अगर प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में उतरते हैं तो जनता के बीच किस तरह से आधार बना पाएंगे। वह राज्य के लोगों के सामने कौन सा मॉडल पेश करेंगे? वोटर एनडीए और आरजेडी खेमे के बीच बंटे हुए हैं , क्या PK इनके बीच जगह बन पाएंगे?
LIC IPO को लेकर कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार कम वैल्यूएशन पर पब्लिक सेक्टर कंपनी का आईपीओ ला रही है। पार्टी के आरोपों में कितना दम है यह कहना मुश्किल है। हां, जहां तक आईपीओ की टाइमिंग का सवाल है, पिछली बार सरकार ने मार्केट की उथलपुथल की वजह से ही इसे टाला था।
पिछले हफ्ते केवल 3 राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे थे। रविवार को खत्म हुए हफ्ते में ऐसे राज्यों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। सबसे चिंताजनक स्थिति एनसीआर की है।
प्रधानमंत्री मोदी की जम्मू यात्रा से कई संकेत मिले हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि यूएई की कंपनियां जम्मू-कश्मीर में 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करने वाली हैं। वहां के लिए यह निश्चित ही नई बात होगी। इन सबके माध्यम से सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि जम्मू-कश्मीर में शांति और सौहार्द के साथ लोकतंत्र और विकास की नई इबारत लिखी जा रही है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत दौरे पर हैं और बदलते हुए अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को देखते हुए भारत और ब्रिटेन दोनों अपने द्विपक्षीय रिश्तों को आगे ले जाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की यह यात्रा काफी पहले हो थी लेकिन कोविड महामारी और कुछ अन्य वजहों से यात्रा का कार्यक्रम एकाधिक बार टालना पड़ा।
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाने के लिए एमसीडी अधिकारियों ने जिस तरह आनन-फानन यह कार्रवाई शुरू करवाई और सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद भी यह कहा कि आदेश उन तक नहीं पहुंचा है, वह हैरत में डालने वाला है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी है लेकिन ऐसा व्यवहार हैरान करने वाला है।
प्रशांत किशोर के प्रस्ताव को इतनी अहमियत देकर सोनिया गांधी का संदेश साफ है कि पार्टी सर्वोच्च स्तर पर इस बारे में मन बना चुकी है। अब उसे यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है कि उसे कांग्रेस के रिवाइवल के लिए बाहर के किसी शख्स की मदद लेने की जरूरत है।
दिल्ली में दो हफ्ते पहले मास्क की अनिवार्यता खत्म की गई थी। यहां पॉजिटिविटी रेट खतरनाक लेवल पर पहुंच चुका है। इसे देखते हुए डीडीएमए ने कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर फिर से बैठक बुला ली है। वहीं पंजाब में भी चंडीगढ़ और पटियाला प्रशासन ने जिले के लोगों से मास्क पहनने का आग्रह किया है।
भारत में कोरोना से हुई मौतों की संख्या को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ताजा अनुमान ने आधार पर बनी यह रिपोर्ट से खुलासा हुआ है हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर यह रिपोर्ट जारी नहीं की गई है, लेकिन अमेरिकी अखबार में इसका कुछ हिस्सा प्रकाशित होने से मामला गरमा गया है।
देश भर में हो रही सांप्रदायिक घटनाओं पर विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि हेट स्पीच देने वालों को आधिकारिक स्तर पर पनाह दी जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो रही। दूसरी ओर बीजेपी ने इन आरोपों पर विपक्षी दलों को घेरा है और कहा है कि विपक्षी पार्टियां पिछले 70 साल से तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं।
दिल्ली, मुंबई और हरियाणा में कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं और 5 मार्च के बाद बुधवार को सबसे अधिक 179 मरीज पॉजिटिव पाए गए। ऐसे देखा जाए तो यह संख्या कम है, लेकिन बुधवार के आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 2.49 फीसदी है, जो पिछले तीन महीने का पीक है।
UCG ने स्टूडेंट के लिए अलग-अलग डिसिप्लिन में पढ़ाई और अपने हुनर को निखारना का मौका देने के लिए दो विषयों में एकसाथ डिग्री लेने को मान्यता दी है। किन-किन विषयों में एक साथ दो डिग्रियां ली जा सकती हैं, यह अलग-अलग संस्थानों पर निर्भर करेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या इससे स्टूडेंट पर दबाब और नहीं बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के बीच हुई वर्चुअल बातचीत का सबसे बड़ा संदेश यही है कि दोनों देश आपसी रिश्तों की अहमियत समझ रहे हैं और भविष्य में इसे और मजबूत करना चाहते हैं। दोनों ही ओर से यह भी संदेश है कि इन रिश्तों में अगर कोई गांठ आई भी तो उसे सुलझा भी लेंगे।
भारत और दुनिया के कई देश इससे गंभीर परिस्थितियों से निपट चुके हैं। लेकिन चीन 'जीरो कोविड नीति' से पीछे हटने को तैयार नहीं। इस नीति के तहत लॉकडाउन और क्वारंटीन के सख्त प्रावधानों की वजह से शंघाई में लोगों के घर के अंदर भूख से मरने की नौबत आ गई है क्योंकि उन्हें खाने के सामान घर पर आसानी से नहीं मिल रहे हैं।
वैसे पाकिस्तान में किसी प्रधानमंत्री का तय समय से पहले पद से हट जाना कोई नई बात नहीं है लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के जरिए किसी पीएम को हटाया जाना पहली बार है। इमरान खान आखिरी वक्त तक कोशिश करते रहे कि अविश्वास प्रस्ताव को नैशनल असेंबली में पेश किए जाने और उस पर वोटिंग करवाए जाने से रोका जा सके।
संयुक्त राष्ट्र में भारत एक बार फिर रूस के खिलाफ वोटिंग से अलग रहा। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से यह 10वां मौका है जब भारत ने किसी भी पक्ष का रुख नहीं लिया है। लेकिन दोनों ओर से भारत को अपनी ओर खींचने की पूरी कोशिश लगातार की जा रही है। भारत बार-बार यह स्पष्ट कर रहा है कि वह रूस के साथ संबंध खत्म नहीं करने जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस पहल का मकसद न सिर्फ विभिन्न एजेंसियों और न्याय प्रक्रिया पर पड़ रहे बोझ को कम करना है बल्कि देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना भी है। वैसे, प्रधानमंत्री लिए यह कोई नया अजेंडा नहीं है। वह काफी पहले से कहते आ रहे हैं कि सरकारों और सरकारी तंत्र के दायरे को कम करने की जरूरत है।
यूक्रेन के बूचा शहर से आई खबरें, तस्वीरें और विडियो फुटेज सामने आने के बाद रूस के खिलाफ और माहौल बना है। भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में न सिर्फ इन घटनाओं की निंदा की बल्कि इनकी स्वतंत्र रूप से जांच कराए जाने की भी मांग की। हालांकि भारत ने अपने बयान में रूस का नाम नहीं लिया।
लोकसभा में सोमवार को अपराधियों की पहचान से जुड़ा क्रिमिनल प्रोसीजर (आइडेंटिफिकेशन) बिल 2022 पारित किया गया। इस बिल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की शंकाओं को खारिज करते हुए आश्वस्त किया कि सरकार इस बिल का संभावित दुरुपयोग रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
श्रीलंका में चल रहे मौजूदा संकट के लिए पूरी तरह से वर्तमान सरकार को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसकी जड़ सिविल वॉर के बाद अधिक से अधिक विदेशी पूंजी आमंत्रित करने वाली नीति में है। हालांकि शुरू में उससे प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ाने में कुछ मदद मिली, लेकिन दीर्घकालिक नजरिए से यह नीति घातक साबित हुई।
असम और मेघालय के बीच चला आ रहा 50 साल पुराना विवाद अब सुलझ गया है। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में अंतरराज्यीय सीमा मुद्दों के समाधान के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
श्रीलंका में पर्यटन आमदनी का एक बड़ा स्रोत है। महामारी के दौर में यहां पर्यटकों का आना लगभग ठप रहा। हालांकि, थोड़ी बारीकी से देखें तो समस्या की पृष्ठभूमि महामारी से काफी पहले ही तैयार हो गई थी। 2005 से 2015 के बीच श्रीलंका ने विदेशी कर्ज लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास की नीति अपनाई। इस वजह से वह कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंस गया।
कई राज्य सरकारें पहले भी अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करती रही हैं। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र सरकार 2016 में यहूदी समुदाय को अल्पसंख्यक दर्जा दे चुकी है। ऐसे ही कर्नाटक सरकार तमिल, तेलुगू, उर्दू, हिंदी, मराठी, गुजराती आदि भाषाओं को अल्पसंख्यक भाषा के रूप में अधिसूचित कर चुकी है।