'मर्द बनना छोड़..पहले इंसान बनना सीख ले।' ये एक डायलॉग नहीं बल्कि समाज की उस गंदी सोच पर तमाचा है जिन्हें लगता है कि सेक्स मर्दों की बपौती है। ये संवाद लीना यादव की फिल्म 'पार्च्ड' (Parched movie) से है। जहां दिखाया जाता है कि बेशक कितना ही खुद को हम मॉडल मानने लगे और कितनी ही तरक्कियों को छू लें लेकिन आज भी हमारी सोसाइटी में आमतौर पर महिलाओं को खुद के फैसले लेने का हक नहीं होता। वहीं बात अगर सेक्शुअल डिजायर (Sexual Desire) यानी यौन इच्छा की हो तो इसके बारे में महिलाएं डिस्कस तक नहीं कर सकती। अगर लड़कियां या बहुएं ऐसा करेंगी तो काकी और ताई का मुंह फटा रह जाएगा। लोगों को एक मिनट नहीं लगेगा और उसके कैरेक्टर का पूरा पोस्टमार्टम कर दिया जाएगा। यही वजह है कि आज भी इंडिया में लड़कियां सेक्शुअल डिजायर को लेकर बात करना दूर सोचने से भी कतराती हैं। लेकिन हमारी फिल्म इंडस्ट्री में कुछ ऐसी फिल्में हैं जो इस टॉपिक को न केवल मजबूती से उठाती है बल्कि खूबसूरती के साथ इस विषय को संजोती भी है। आइए आज आपको उन चुनिंदा फिल्मों (Indian Movies on Women Sexual Desire) से रूबरू करवाते हैं जो औरतों की सेक्शुअल डिजायर (Women Sexual Desire) को प्राथमिकता देती हैं।