ये आयोजन पिछले दो वर्षों में महामारी के कारण नहीं हुए थे। हर साल रंगों से सराबोर गोरक्ष पीठ के मुखिया भगवान नरसिंह रथ की सवारी करते हैं और नरसिंह शोभा यात्रा के दौरान बिना किसी भेदभाव के सभी को होली की शुभकामनाएं देते हैं। मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने कहा कि नरसिंह शोभा यात्रा का नाम भगवान नरसिंह के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने राक्षस राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था, जिसकी शुरूआत 1945 में योगी के गुरु महंत अवैद्यनाथ के पूर्ववर्ती महंत दिग्विजयनाथ ने की थी और तब से यह आज तक यह परंपरा जारी है।