मेरा सौभाग्य था कि प्रदेश के बाद मुझे केंद्र की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान मिला। अटलजी के मंत्रिमंडल में मैंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। विभागों का वितरण हुआ, मुझे खाद्य व उपभोक्ता मंत्री बनाया गया। सब मित्र और संबंधी निराश हुए। उन्हें लगा कि बहुत साधारण विभाग दिया गया है। मुझे पता था कि भारत सरकार का प्रत्येक विभाग महत्वपूर्ण है। मंत्री बनने के दूसरे ही दिन विभाग के एक प्रमुख अधिकारी एक और अधिकारी को लेकर मेरे पास आए और कहने लगे कि एक बहुत आवश्यक विषय की फाइल कई दिनों से रुकी हुई है। उसे सबसे पहले निपटाना आवश्यक है।