मामला दरअसल बर्लिन स्थित एक डिजिटल विडियो ऑर्गनाइजेशन की एक डॉक्युमेंट्री का है, जिसका प्रसारण 11 फरवरी को होना है। कहा जा रहा है कि इसमें कश्मीर की तुलना फिलस्तीन से की गई है। चूंकि इस मीडिया ऑर्गनाइजेशन को रूस समर्थित बताया जा रहा था, इसलिए विवाद बढ़ते देख रूस ने खुद को इससे अलग करते हुए बताया कि न तो उसका इस विडियो कंटेंट से कोई लेना-देना है और न ही कश्मीर को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव हुआ है।