ट्विटर और खास ऐप के सहारे खास कम्युनिटी की महिलाओं को निशाना बनाना न केवल महिलाविरोधी मर्दवादी सोच को दर्शाता है बल्कि उस खास समूह के खिलाफ सांप्रदायिक नफरत की भावना की भी पुष्टि करता है। यह समझने के लिए किसी पुलिसिया जांच-पड़ताल की जरूरत नहीं है कि मौजूदा प्रकरण में जो भी लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल रहे हैं, वे नफरत से भरी सांप्रदायिक और पुरुषवादी मानसिकता से ग्रस्त हैं।