संत यमुनाचार्य जी के वैकुंठ गमन के पश्चात एक अभूतपूर्व घटना घटी, जिससे एक साधारण बालक के असाधारण बनने की प्रक्रिया आरंभ हुई। बालक ने देखा की शरीर त्यागने के पश्चात भी गुरू जी की ३ उंगलियां मुड़ी हुई थी, सभी इस भेद को जानने के लिए उत्सुक थे। उदासीन बालक यह भांप गया की गुरुवर के तीन इच्छा बाकी थी।
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2024-09-19 05:05:02